> काव्य-धारा (Poetry Stream): जीवन, प्यार और आत्मा-झलक : आशा व विश्वास

रविवार, 13 नवंबर 2016

आशा व विश्वास

बस लिखते रहता हूँ
मन को बहलाता रहता हूँ
कोई तो शब्द पहुंचेंगा
कभी तो जवाब मिलेगा
कोई तो रास्ता निकलेगा
कभी तो मुरझाया फूल खिलेगा
आशा की जीत होगी
दोनों तरफ शांति होगी
'अव्यक्त' बात व्यक्त होगी
प्रीत परिपक्व होगी।

© हेमंत कुमार दुबे 'अव्यक्त'
13.11.2014

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