> काव्य-धारा (Poetry Stream): जीवन, प्यार और आत्मा-झलक : अव्यक्त का संदेश

शनिवार, 19 दिसंबर 2015

अव्यक्त का संदेश

सतगुरू बापू से जो सिखा वही संदेश लिखा है
चलता संसार एक मालिक से जिसका नाम लिखा है
जो हर क्षण रहता है सबके दिलों में प्यार बनकर
उस अगम अज अगोचर का अव्यक्त नाम लिखा है
रास्ते पर किसी भी चलो धर्म का नाम लेकर
मंजिल एक सबकी ग्रंथों में अलग नाम लिखा है
मजहबी बंदों के नाम यही एक पैगाम लिखा है
हेमंत अनाम इस जहाँ में अव्यक्त नाम लिखा है।
© हेमंत कुमार दुबे 'अव्यक्त'

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